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महंगाई पर होली की कविता


महंगाई की मार , ऊपर से होली का त्यौहार 
हमें ना खाना महँगी चीनी , ना होना बीमार !
जोगीरा……………….सा रा रा राआअ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
बिन चीनी ,बिन घी- मैदे के मालपुए बनायेंगे ,
आटे को पानी में छनकर वही ख़ुशी से खायेंगे ! 
जोगीरा……………….सा रा रा राआअ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
बिन पिचकारी और रंगों के होली खूब मनाएंगे ,
बाल्टी  में पानी भर कर सबको नहलायेंगे ! 
जोगीरा……………….सा रा रा राआअ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
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